गाइड

7 बार किसी को बीच में ही टाला जा सकता है

कुछ ऐसी वाहियात हरकतें होती हैं जिन पर सख्ती दिखानी ही पड़ती है।


हालांकि किसी को टालना, उसे बुरा महसूस करा सकता है… खासतौर से उनको, जिनकी वाकई में कोई गलती भी ना हो। मगर जो ऐसा करते हैं उनकी बात अलग है। यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ ऐसी वाहियात हरकतें होती हैं जिन पर सख्ती दिखानी ही पड़ती है, और हमारे विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी ढेरों हरकतें होती हैं। इसलिए अगली बार आपको ऐसी कोई हरकत होती दिखे तो बेझिझक सामने वाले को बीच राह में छोड़कर निकल जाने की तैयारी कर लें। आगे हमारे विशेषज्ञों के पैनल द्वारा स्वीकृत की गई ऐसी ही परिस्थितियों की एक गाइड दी गई है जब आपके पीछे हट जाने में ही आपकी भलाई है।

असंगत या भरोसा ना करने लायक बातचीत

प्रमाणित लाइफ़ कोच, टोरी ऑटम के अनुसार "डेटिंग की दुनिया में किसी ऐसे को टालने में कोई हर्ज नहीं है जो बार-बार बातचीत में असंगत व्यवहार या बाहर साथ घूमने में दिलचस्पी दिखाए।" डिजिटल माध्यम से बातचीत की शुरुआत करना या उसे सक्रीय रूप से जारी रखना लोगों के लिए बहुत आम बात है, और इसी का असर इस बात पर पड़ता है कि वास्तव में सामने से मिलने की योजना बनाने में उनकी सक्रीय रूप से दिलचस्पी है या नहीं। ऐसी स्थिति में ऑटम अपना समय और ऊर्जा बचाकर रखने के लिए शुरुआत में ही टाल देने की सलाह देती हैं : "किसी बेमतलब की बातचीत को जारी रखने की इच्छा बेकार है।"

सहमति और/या निजी सुरक्षा को नज़रअंदाज़ करना

डेटिंग की सभी परिस्थितियों में सहमति ज़रूरी है, फिर चाहे परिदृश्य या स्थिति कुछ भी हो। जैसा कि निजी सुरक्षा के मामले में होता है — किसी भी प्रकार से या रूप-स्वरूप में किसी डेट या संभावित पार्टनर को कभी भी आपको असुरक्षित महसूस नहीं कराना चाहिए। किसी भी क्षण अगर सामने से थोड़ा-सा भी खतरा दिखता या महसूस होता है तो बिना कुछ बोले वहीं बात खत्म कर देनी चाहिए। निजी कोच और डेटिंग विशेषज्ञ, मिशेल बाक्सो का कहना है कि "किसी भी तरह से अगर कोई उग्र होता नज़र आए, फिर चाहे वह आप पर दबाव बनाने के ज़रिए हो, अनुचित रूप से बहस के ज़रिए हो, या जल्द ही गर्म मिज़ाज हो जाना हो, तो आपको कदम पीछे हटा लेने चाहिए।" "इसे खुद के प्रति प्रेम और अपनी सुरक्षित हदें तय कर लेना ही समझिए।"

यहाँ पारदर्शिता बरतने या सामना करने के बजाय टालना ही आपकी सुरक्षा के लिए बेहतर रहेगा। रिलेशनशिप सेफ़्टी में विशेषज्ञता रखनेवाली क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और पीएचडी-धारक, कार्ला मैरी मैनली इसे स्पष्ट करती हैं। "किसी क्रोधित या उत्पाती व्यक्ति का सामना करने से नुकसान होने की ही ज़्यादा संभावना रहती है। किसी उत्पाती या गुस्सैल स्वभाव वाले व्यक्ति को टालने का यह मतलब नहीं है कि आप कमज़ोर हैं; इसका मतलब है कि आप समझदार और मज़बूत व्यक्ति हैं।"

जब उन्हें आपके इशारे भी समझ में ना आएँ

ऑटम कहती हैं कि "किसी को बार-बार यह समझाने के बजाय, कि आपको उनमें दिलचस्पी नहीं है, उन्हें टाल देना ही बेहतर रहता है।" मैनली भी इससे सहमत हैं। "जब कोई पार्टनर इस बात को स्वीकार करने से इन्कार करता है कि अब आप दोनों के बीच कोई संबंध नहीं रहा, वह भी तब जब आपने इसे स्पष्ट रूप से समझाने के कई प्रयास किए हों, तब तर्क की दृष्टि से कभी-कभी टालना ही एकमात्र विकल्प बचता है।"

कैटफ़िशिंग यानी झाँसा देने की संभावना

यह एक बड़ा धोखा है। कैटफ़िशिंग — जब कोई ऑनलाइन, कोई अन्य व्यक्ति होने का झाँसा दे — तब यह वाकई में एक समस्या वाली बात होती है। एक पहचान सत्यापन वाले प्लैटफ़ार्म, सोशल कैटफ़िश की जॉनी सैंटियागो की सलाह है कि "अगर वह व्यक्ति जिसे आप ऑनलाइन संदेश भेज रहे हों, वीडियो पर कभी चैट नहीं करना चाहता है, अजीब कारणों से पैसे माँगने लगता है, या वास्तविक जीवन में ना मिल पाने के बहाने बनाता है, तब आपको भी इसे भूलकर आगे बढ़ जाना चाहिए।" तो ऐसे कौन-से संकेत हैं जिन पर नज़र रखी जानी चाहिए? उनका कहना है कि "कैटफ़िश आमतौर पर अपनी प्रोफ़ाइल को विश्वसनीय बनाने के लिए उस पर कई अलग-अलग तस्वीरें अपलोड कर देता है, लेकिन यह सब अचानक ही होता है।" "एक अन्य संकेत जिसे आप समझ नहीं पाते हैं वह यह है कि उनकी कई रुचियाँ या शौक हो सकते हैं। आमतौर पर व्यक्ति एक या दो शौक डालता है, लेकिन कैटफ़िश के कई शौक या रुचियाँ हो सकते हैं, और वो अपने शौक व्यापक स्तर पर रखते हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित कर सकें।"

सैंटियागो के अनुसार यहाँ टालने से बेहतर विकल्प और कुछ नहीं है। वो कहते हैं कि "जितना अधिक कोई व्यक्ति किसी कैटफ़िश से बात करेगा, उतनी अधिक चीज़ें उस कैटफ़िश के काबू में होती चली जाएँगी।" "ऐसी स्थिति से खुद को दूर करने का सबसे कारगर तरीका यही है कि सामने वाले से हर प्रकार की बातचीत व संबंध समाप्त कर दिए जाएँ; उन्हें आपको नुकसान पहुँचाने का कोई मौका ही ना दें।"

झूठ बोलने, धोखा देने या बेईमानी करने की निशानियाँ

मैनली कहती हैं कि "अगर आपको लगता है कि कोई आपसे झूठ बोल रहा है — और आपको किसी प्रकार की बेईमानी महसूस होती है — तो बाहर निकलने का सबसे सही तरीका उस व्यक्ति को टालना ही होगा।" "अगर आप किसी धोखेबाज़ व्यक्ति के साथ एक खुली व ईमानदार बातचीत करने की कोशिश करते हैं तो वो आपको ऐसा महसूस करा सकते हैं जैसे कि आपके साथ ही कोई समस्या है। इसलिए सामनेवाले को टालना ही शायद यहाँ सबसे सुरक्षित तरीका है।" ये गैसलाइटिंग का एक टेक्स्टबुक उदाहरण है, जो कि एक प्रकार का मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न है जिसे कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

मैनली आगे कहती हैं कि "अगर आपसे अनमने ढंग से ऐसी चीज़ें कराई जा रही हों जो आपको ठीक न लगती हों तो खुद को सुरक्षित रखने के लिए टालना ही बेहतर रहेगा।" "उकसाने वाला व्यक्ति आमतौर पर इस बारे में खुलकर बात नहीं करेगा कि आपको कैसा लग रहा है; ऐसे व्यक्ति से बात करने से आप और अधिक भ्रमित हो जाएँगे और खुद पर ही शक करने लगेंगे। ऐसे में उकसाने वाले व्यक्ति को टालने के लिए भी काफ़ी होशियारी की ज़रूरत पड़ती है।"

आम दिक्कतें

कभी-कभी आप इस बात पर सवाल नहीं उठा सकते कि किसी व्यक्ति का व्यवहार इतना अजीब क्यों है, और यह बहुत ही सामान्य है। आपको अपने भीतर होनेवाले एहसास को उचित साबित करने की ज़रूरत नहीं है — जब भी कोई डेट असहज महसूस कराती हो तो आपको जो लगता हो उसी पर यकीन करना चाहिए, और अगर वाकई में सामने वाले ने ऐसा किया है तो आपको उन्हें इस बारे में कोई स्पष्टीकरण देने की ज़रूरत नहीं है कि आप क्यों बात आगे बढ़ाना नहीं चाहते। अगर किसी का पूरा व्यक्तित्व ही आपको असहज महसूस कराता हो तो अपने भले के लिए बात को वहीं रोक देना, यह कहने से कहीं अधिक बेहतर है कि, "तुम एक वाहियात इंसान हो।"

अगर आपको लगे कि कोई आपका फ़ायदा उठा रहा है

अमेरिकी बैकग्राउंड चेक डेटाबेस, PeopleLooker की चीफ़ कम्युनिकेशंस ऑफिसर, जस्टिन लावेल कहती हैं कि, "अगर कोई अपनी ज़रूरत पड़ने पर ही आपको मेसेज कर रहा हो तो उन्हें टालने के लिए इतना कारण पर्याप्त है।" "अगर आपने किसी को कहा है कि वो आपसे संपर्क ना करें और वे इसे नहीं मानते तो उन्हें टालिए।" इस बारे में परेशान होते रहने बेकार है कि वो व्यक्ति आपका फ़ायदा उठा रहा है — चाहे उसे यह समझ में आ रहा हो या नहीं, इससे इस बात पर कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको कैसा लग रहा है। बचाव के उपाय के तौर पर लावेल सलाह देती हैं कि अपनी बातचीत को कहीं दर्ज कर लें : "ऐसा करने से पहले इसके स्क्रीनशॉट सेव कर लेना एक स्मार्ट कदम है ताकि अगर यह जारी रहता है तो आपके पास इस उत्पीड़न का सबूत रहे।"